[Advaita-l] A question on PariNAma and vivarta
V Subrahmanian
v.subrahmanian at gmail.com
Fri Feb 10 06:35:44 EST 2017
On Fri, Feb 10, 2017 at 4:15 PM, H S Chandramouli <hschandramouli at gmail.com>
wrote:
> A correction please.
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> For मृदित्येव सत्यम् (mRRidityeva satyam ) please read मृत्तिकेत्येव
> सत्यम् (mRRittiketyeva satyam ).
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> Regret the error
>
In the Chandogya bhashya it is said:
छान्दोग्योपनिषद्भाष्यम्षष्ठोऽध्यायःद्वितीयः खण्डःमन्त्र १
यथा इदमुच्यते लोके — पूर्वाह्णे धटादि सिसृक्षुणा कुलालेन मृत्पिण्डं
प्रसारितमुपलभ्य ग्रामान्तरं गत्वा प्रत्यागतः अपराह्णे तत्रैव
घटशरावाद्यनेकभेदभिन्नं कार्यमुपलभ्य *मृदेवेदं घटशरावादि* केवलं पूर्वाह्न
आसीदिति, तथा इहाप्युच्यते — सदेवेदमग्र आसीदिति ।
regards
subbu
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